ये शतरंज की बिसात है ।
ये किसी इंसान के बस की बात नहीं
यहां बस चलता रीति रिवाज है
ख्वाब पूरे ना होने पर, हम होते उदास है
फिर भी मुस्कुराते हुए, रखते उसी पर आस हैं
चुकी ये शतरंज की बिसात है ।
जानता हूं जीत पक्की नहीं , मेरी
फिर भी मुझको विश्वास है
अगर कभी हार भी गया तो
मानलूंगा जो हुआ होने दो
क्योंकि, ये तो सिर्फ शतरंज की बिसात है ।
यहां धर्म, प्यार ,पूजा है
बस यही हमारे पास है
फिर से कोशिश कर , बदलना अपना इतिहास है
क्योंकि, ये मुझे मालूम है
ये शतरंज की बिसात है ।
अच्छे बुरे की पहचान में
समय का करना नहीं नाश है
काम सभी करने मुझे झकास है
फल की चिंता छोड़ कर जीना, आज है
क्योंकि मुझे मालूम है, ये शतरंज की बिसात है ।
ये शतरंज की बिसात है ।।
Arjuna Bunty.
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