गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

जिंदगी का राज।





ये राज़ है जिंदगी का
अरमान बुझ भी जाए।

इन आंखों पर अक्श के चाहे मोती आए।।

मुस्कुराती रहेंगी नजरें मेरी सदा
कोई लाख मेरे जिस्म पर घाव बना जाए ।

इन आंखों पर अक्श के चाहे मोती आए।।

हो सके ना पूरे मेरे सपने कभी
मगर मंजिलों को पाने की चाह ना रुक पाए

इन आंखों पर अक्श के चाहे मोती आए।।

हर एक लफ्ज़ मेरे सच्चाई ही कहेंगे
दुनिया की भीड़ मुझपर कितने भी जुल्म ढाए

इन आंखों पर अक्श के चाहे मोती आए।।

अगर बन ना पाऊं मैं एक गुणवान प्राणी
कोई मुझे कभी भी सैतान ना बनाए ।।

इन आंखों पर अक्श के चाहे मोती आए।।

झुकी नजर है मेरी पर देखता सबकुछ हूं
अंधेरे दिल को कोई जगमगाता जाए ।

इन आंखों पर अक्श के चाहे मोती आए।।

होंठ मेरे चुप है जज्बात भड़क रहे हैं
कोई इस जज़्बात को और भड़का जाए।

इन आंखों पर अक्श के चाहे मोती आए।।

कभी ना बंद अपनी मुस्कान हम करेंगें
इसके लिए मुझ पर इल्ज़ाम कुछ भी आए ।

इन आंखों पर अक्श के चाहे मोती आए।।

                                    अर्जुन बंटी ।।।


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