।।एक ख़्वाब।।
मैंने भी एक ख़्वाब देखा है,
सबको एक साथ देखा है।
शिक्षा और बुलंदी का ताज देखा है,
खुशियों से भरा सुनहरा बाग देखा है।
मैंने भी एक ख़्वाब देखा है,
सबको एक साथ देखा है।
वहां कोई पराया नहीं ,
सबको खुश मिजाज देखा है।
मैंने भी एक ख़्वाब देखा है,
सबको एक साथ देखा है।
दुख का ना साख देखा है,
सभी में प्यार बेहिसाब देखा है।
मैंने भी एक ख़्वाब देखा है,
सबको एक साथ देखा है।
बुजुर्गों का आदर सम्मान देखा है,
सभी का एक दूसरे पर विश्वास देखा है।
मैंने भी एक ख़्वाब देखा है,
सबको एक साथ देखा है।।
।।अर्जुन बंटी।।
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