सोमवार, 6 अप्रैल 2020

तू सब जानती है मां।

तू मां न, तू सब जानती है ।

मेरा रोना भी,
मेरा हंसना भी ,
मेरा सोना भी ,
मेरा जगना भी,
मेरा पाना भी ,
और मेरा खोना भी
मेरी हर एक हरकत पहचानती है।

तू मां है न, तू सब जानती है । 

कब कब मैंने सिसकियां ली,
कब-कब मैंने अक्स बहाए 
और हां कब मैंने ठहाके लगाए 
कब गुस्सा हुआ और
कब तू आकर मुझे मनाए 
हर वक्त का है इल्म तुझे
हर दर्द का मर्म तू पहचानती है।

तू मां है ना तू सब जानती है ।

मैं चुप हूं , तो क्यों हूं ,
मेरी खुशी और मेरे गम,
मेरे वो हसीन पल और 
मेरे उदास लम्हे ,
मेरे हर मूड को पहचानती है ।

तू मां है न, तू सब जानती है। 

वो लड़खड़ाते कदम से लेकर,
अब तक का सफर ,
गिरने के बाद का तेरा स्नेह भरा स्पर्श,
वो तेरी डांट और तेरा प्यार ,
क्या मुझे पसंद है  और
क्या नहीं, तू सब जानती है ,
वो मेरी गलतियां वो मेरी कमियां,
तू ही है जो सब पहचानती है।


तू मां है न, तू सब जानती है। तू मां है न, तू सब जानती है। ।


                             (Arjuna Bunty).

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