रविवार, 12 अप्रैल 2020

मुझे वह याद करते हैं



कभी रोते नहीं है ,बस
मिलने की फरियाद करते हैं
पलकें बिना झपकाए
राहों पर इंतजार करते हैं
सच मुझे वह याद करते हैं ।

बिरहा की नहीं है बात ये
मोहब्बत थी उनके दिल में
वह हमसे रूठे थे
हम उनसे रूठे थे
अब तो दिल का ना लगना
सभी बार-बार कहते हैं
सच मुझे वह याद करते हैं।

पहुंच पाऊं अगर जो मैं
उनके पास इस कदर तो
वह मुझे आगोश में भर कर
ना जाने की दुआ बार-बार करते हैं
सच मुझे वह बहुत याद करते हैं ।

बरामदे पर बैठकर
वो दरवाजे की आहट को
हर बार तकते हैं
खुली आंखों से
वह मेरे द्वार पर आने की
राह हर बार करते हैं
सच पूछे तो
वह मुझे बहुत याद करते हैं ।

खड़े रहकर द्वार पर
हमसे मिलने का प्रयत्न
बार-बार करते हैं
सच में मुझे याद करते हैं।

घरी घरी उनसे वो लड़ना
मुझे अब तो अखरता है
वह तुमसे मिला प्यार
अब ना जाने क्यों
बहारों में बिखरता है
रहो ना दूर तुम मुझसे
तुम सताओ ना इस कदर भी
रुकी रुकी है सांसे
कपकपाते गुलाबी होठ
सूखे नैनों में पड़े सिकुड़न
वो उनके चेहरे का उत्तरण
उदासी का ये आलम भी
सब कुछ साफ कहते हैं
कोई तुमसे बहुत प्यार करते हैं
सच मुझे वह याद करते हैं
Arjuna Bunty.

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